SAMUDRA KA PARYAYVACHI NO FURTHER A MYSTERY

samudra ka paryayvachi No Further a Mystery

samudra ka paryayvachi No Further a Mystery

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अधर्म – पाप, अनाचार, अनीति, अन्याय, अपकर्म, जुल्म, ।

भाषा में पर्यायवाची शब्दों का बहुत महत्व होता है। इनकी मदद से विभिन्न शब्दों के अर्थ को समझने में बड़ी आसानी होती है। उदाहरण के लिए नीर एक शब्द है। अब हिन्दी के किसी नए जानकार के लिए नीर शब्द को समझने में में थोड़ी परेशानी होगी। अगर उसे यह बताया जाएगा कि नीर का मतलब पानी होता है तो उसे इसका मतलब आसानी से समझ में आ जाएगा। ऐसे अन्य प्रश्नों के जवाब के लिए यहाँ  क्लिक करें। आप हमें कमेंट करके भी संबधित प्रश्न पूछ सकते हैं।  

समुद्र वारीश, सिंधु, रत्नाकर, नीरनिधि, अकूपाद, तयोनिधि, सरित्पति, पयोनिधि, जलधाम, नीरधि, अर्णव , पयोधि, नदीश, सागर, जलधि, उदधि, वारिधि, पारावार, अब्धि।

तलवार – खड़ग, करवाल, कृपाण, चन्द्रहास, असि, खंग, शमशीर, खंजर ।

खूंखार – क्रूर, निर्दय, निर्मम, जालिम, भयानक, भयंकर, जानलेवा, प्राणघातक।

ज्वाला – लपट, लौ, अग्निशिखा, ज्योति, शिखा, गर्मी, ताप, जलन।

अहंकार – दंभ, गर्व, अभिमान, दर्प, मद, घमंड, मान।

प्रातःकाल – प्रात, प्रभात, सवेरा, विहान, भोर, अरुणोदय, कल, दिनमुख, सकाल।

ठेका – निविदा, प्रस्ताव, टेण्डर, संविद, जिम्मा, इजारा, पट्टा।

आज के युग more info में कई लोग धन को ज्ञान से बड़ी शक्ति मानते हैं।

टोकरी – झाँपी, झपोली, डलिया, चँगेरी, खाँची।

चाँदनी – चंद्रिका, कौमुदी, हिमकर, अमृतद्रव, उजियारी, ज्योत्स्न्ना, चन्द्रमरीचि, कलानिधि।

नित्य – शाश्वत, अमर, अनश्वर, अमर्त्य, अविनाशी, प्रतिदिन, रोज, सदा, नितप्रति, हररोज, हर रोज।

ठिठोली – चुहल, फबती, व्यंग्य, मजाक, उपहास, दिल्लगी।

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